सरना स्थल से किसी प्रकार के पत्ते, फूल तथा लकड़ी ले जाना वर्जित हैं – सरना समिति
सरना समिति बोरोबिंग ने खिजरी के पूर्व विधायक रामकुमार पहान, गंगोत्री कुजूर सहित कई लोगों का पुतला दहन कर जताया विरोध ।
@नज़र टीम – कृष्णा करमाली – रजरप्पा / रामगढ़ ( झारखंड ) :- आगामी 5 अगस्त को अयोध्या में रामजन्म स्थल की भूमि पूजन के लिए झारखंड के सरना स्थल समेत अन्य आदिवासी समुदाय के पूजा स्थलों की मिट्टी को ले जाने के मामले का राज्यभर में विरोध शुरु हो गया है। इसी को लेकर रामगढ़ जिला के सरना समिति बोरोबिंग चितरपुर ने विरोध किया है।
सरना समिति की ओर से सरना स्थल प्रांगण में सोमवार को खिजरी के पूर्व विधायक रामकुमार पहान, मांडर के पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर, आरती कुजूर व मेघा उरांव का पुतला दहन कर विरोध जताया।
इस मौके पर सतीश मुंडा, शिवनंदन मुंडा व जगरनाथ बेदिया ने संयुक्त रूप से बताया कि यह आदिवासी परंपरा के विपरीत है। उनलोगों ने कहा कि समाज किसी भी सूरत में सरना स्थल की मिट्टी नही देगी। सरना स्थल की मिट्टी को अयोध्या ले जाने का समिति विरोध करती है।
उन्होंने कहा सरना स्थल की मिट्टी लेना विश्व हिंदू परिषद का यह मात्र एक ढोंग है। हर बार सरना स्थल से ली गई मिट्टी को कूड़ेदान में ही फेंक दिया जाता है। आदिवासी परंपरा, धर्म के साथ यह खिलवाड़ नही होने देंगे।
उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज में पूर्वजों से चली आ रही मान्यताओं के अनुसार सरना स्थल से किसी प्रकार के पत्ते, फूल तथा लकड़ी ले जाना वर्जित हैं। इस नियम के विरुद्ध काम करने वालों के साथ साथ समाज में बुरा प्रभाव पड़ता है। वहीं, विपत्ति एवं आपदाएं आती है।
उन्होंने कहा कि सरना स्थल समस्त आदिवासी समाज व समुदाय के बोंगाबुरू (कुल देवी – देवताओं) की संपत्ति है। लोग सरना स्थल की निगरानी रखेंगे।
इस मौके पर शंकर मुंडा, कालिका बेदिया, अमित मुंडा, संदीप मुंडा, जितेंद्र बेदिया, बागी मुंडा, बीरबल मुंडा, सूरज करमाली, रामजतन मुंडा, कपिल मुंडा, दिनेश मुंडा, संदीप बेदिया, विक्की मुंडा आदि मौजूद थे।