पित्ताशय ( Gallbladder ) में इतना पत्थर रखकर कैसे जिंदा रही यह महिला
@नज़र सेन्ट्रल डेस्क :- आजकल लोगों का रहन -सहन , बेतरतीब खानपान और व्यस्त दिनचर्चा के कारण लोगों को कई गंभीर बीमारियाँ अपनी चपेट में ले रहा है इसी में एक है पथरी ( Stone ) का बीमारी। यह मुख्यतः पित्ताशय ( Gallbladder ) और किड़नी ( Kidney ) में होता है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है की यह रक्त नली , अग्नाशय , किड़नी , गॉलब्लैडर सहित कहीं भी जमा हो सकता है। व्यक्ति के भीतरी अंगों में मिनरल्स और नमक आदि के धीरे-धीरे इकट्ठा होने से एक ठोस जमावट हो जाती है। इसी ठोस जमावट को पथरी कहते हैं। पथरी का आकार रेत के दाने से लेकर गोल्फ की गेंद जितना बड़ा हो सकता है। इसका दर्द असहनीय होता है अगर कहें तो जिसे यह बीमारी नहीं है उसे यह अहसास नहीं सकता की कैसा दर्द होता है।
आज हम आपको इसी से जुड़ा एक मामला बताने जा रहे है जिसे जानकर आप भी हैरान रह जायेंगे | दरअसल ये मामला मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले थांदला तहसील गाँव का है जहाँ रहने वाली एक 50 वर्षीय महिला के पेट में काफी दिनों से दर्द हो रहा था। जिसे वो मामूली पेट दर्द की समस्या समझ कर नज़रअंदाज कर रही थी लेकिन इसी बीच उसके पेट में भयानक दर्द उठा आननफानन में घरवालों ने उसे मेघनगर के जीवन ज्योति हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जब डॉक्टरों ने महिला की जाँच की तो पाया की महिला के पित्ताशय (Gallbladder ) में एक दो नहीं बल्कि पूरे 140 मल्टीपल स्टोन हैं जिसे देख अस्पताल में मौजूद सभी डॉक्टर तक चौंक गये।
जानकारी के अनुसार हॉस्पिटल के सर्जन ने सबसे पहले तो महिला का सोनोग्राफी के लिए भेजा और जब सोनोग्राफी के इस रिपोर्ट में महिला के पेट में 140 पथरी होने की बात सामने आई तब डॉक्टरों ने महिला का ऑपरेशन कर सारी पथरी बाहर निकाल दिए और अब वो पूरी तरह से स्वस्थ है। इसके साथ ही डॉक्टरों ने कहा की उन्होंने आज तक कई सारे पथरी के मरीजों का ऑपरेशन किया है लेकिन ऐसा केस पहली बार सामने आया है जब उन्होंने ऐसा मल्टीपल पथरी देखा हो वही डॉक्टरों की टीम ने ने महिला के पेट से निकली इस पथरी के गुच्छे को ऑल इंडिया प्रेजेंटेशन के लिए भेजने के इतंजाम में जुट गयी है |
पित्ताशय ( Gallbladder ) की पथरी
Gallbladder जिसे हम ‘पित्ताशय’ कहते हैं वह हमारे लीवर के ठीक साथ होता है। यह नाशपाती के आकार का थैलीनुमा अंग होता है जो हमारे लीवर के ठीक नीचे पाया जाता है। सामान्यतः इसका कार्य पित्त को इकट्ठा करना एवं उसे गाढ़ा करना है। यदि आप नहीं जानते तो बता दें कि ‘पित्त’ एक पाचक रस है जो कि लीवर द्वारा बनाया जाता है। यह वसायुक्त पदार्थों के पाचन में मदद करता है। यह पित्त हमारे शरीर को किसी प्रकार का नुकसान ना पहुंचाए इसका ख्याल रखता है पित्ताशय की थैली।
लेकिन कुछ कारणों से इसी पित्ताशय में पथरियां बन जाती हैं। यह पत्थर सैकड़ों की संख्या में हो सकते हैं, छोटे या बड़े साइज में भी। डॉक्टरों का यह मानना है कि ये पत्थर पित्त की थैली में बार-बार सूजन आने के कारण बनते हैं। गॉल ब्लैडर में से पथरी सामान्यत: ऑप्रेशन के जरिए हीं निकालने का सुना गया है , हालाँकि किड़नी का पथरी को लोग दवा और जड़ी – बूटी के द्वारा निकलने की बात भी करते हैं।
कई लोगों में निम्नलिखित कारणों से पथरी ( Stone ) बनने की संभावना रहती है:
1 . कम पानी पीने की आदत
2 . वंशानुगत
3 . बार-बार मूत्रमार्ग में संक्रमण होना
4 . मूत्रमार्ग में अवरोध होना
5 . विटामिन ‘सी’ या कैल्शियम वाली दवाओं का अधिक सेवन करना
6 . लम्बे समय तक शैयाग्रस्त रहना
7 . हाइपर पैराथायराइडिज्म की तकलीफ होना
पथरी ( Stone ) बीमारी से कैसे बचें
1 . पीने का पानी :- पथरी बनने से रोकने के लिए पीने के पानी की गुणवत्ता से ज्यादा अधिक से अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए।
2. आहार नियंत्रण :- खाने में नमक कम मात्रा में लेना चाहिए और नमकीन, पापड़, अचार जैसे ज्यादा नमकवाले खाघ पदार्थ नहीं खाने चाहिए। नींबू पानी, नारियल पानी, मौसंबी का रस, अन्नानास का रस, गाजर, करैला, बिना बीज के टमाटर, केला, जौ, जई, बादाम इत्यादि का सेवन पथरी बनने से रोकने में मदद करते हैं। इसलिए इन्हें अधिक मात्रा में सेवन करें ।
परहेज नीचे बताए गए ज्यादा ऑक्ज्लेटवाले खाघ पदार्थ कम लेने चाहिए:
साग सब्जी में – टमाटर, भिण्डी, बैंगन, सहजन, ककड़ी, पालक, चौलाई इत्यादि।
फलों में – चीकू, आवला, स्ट्राबेरी, रसभरी, शरीफा और काजू।
पेय में – कडक उबली हुई चाय, अंगूर का जूस, केडबरी, कोको, चोकलेट, सोड़ा से बना पेय पदार्थ ।