वेस्ट बोकारो जामा मस्जिद इमाम के पक्ष में समाज और कमिटी आमने – सामने
- मुस्लिम समुदाय ने कहा कमेटी के फंड में इमाम को तनख्वाह देने को पैसे नहीं तो हम देंगे ।
- रविवार को ज़ामा मस्ज़िद के सचिव के कहने पर इमाम को बाहर करने पहुंची पुलिस ।
- थम नहीं रहा वेस्ट बोकारो ज़ामा मस्ज़िद के प्रबन्धन का मसला ।
- मौलाना और इमाम को लॉक डाउन व रमजान के पाक महीने में बर्खास्त किए जाने पर लोग आक्रोशित हैं ।
- कमेटी के सदर व सचिव के कार्यकाल पूरे होने पर भी नहीं हुआ मस्ज़िद प्रबन्धन कमेटी का गठन ।
@नज़र टीम – अभिषेक कुमार वर्मा – वेस्ट बोकारो / रामगढ ( झारखंड ) :- रामगढ जिले के वेस्ट बोकारो स्थित सेन्ट्रल साईट ज़ामा मस्ज़िद के संचालन कमेटी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा। एक तरफ वर्तमान संचालन कमेटी का कार्यकाल ख़तम हो चुका है, जबकि इसे बर्खास्त कर नई कमेटी के गठन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो रही। वहीं लॉक डाउन की अवधि व रमज़ान के पाक माह में इमाम व मौलाना के मस्ज़िद से बाहर का रास्ता दिखाते जाने से भी लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है।
रविवार को ज़ामा मस्ज़िद के सचिव के कहने पर इमाम को मस्जिद से बाहर करने पहुंची पुलिस की सूचना मिलने पर समुदाय के लोग ज़ामा मस्ज़िद के गेट पर पहुंच कर इमाम का हौसला बढ़ाते देखे गए। लोगों ने कहा कि इमाम को तनख्वाह देने के लिए अगर कमेटी के पास पैसा नहीं है तो हम आपस में सहयोग करके उनको तनख्वाह देंगे लेकिन इतने काबिल इमाम को जाने नहीं देंगे।
इस पुरे मामले पर वेस्ट बोकारो के मुस्लिमों में एक तरफ आक्रोश है, तो दूसरी तरफ एक पक्ष अधिकारियों को आवेदन पर आवेदन देकर मामले को सलटाने व पारदर्शी प्रणाली से पुर्नगठन को लेकर अधिकारियों से चुनाव कराने की मांग कर रहे।
इस मामले में दूसरे पक्ष के लोगों में ज़ामा मस्ज़िद के चेयरमैन शबीर हुसैन, अहमद हुसैन उर्फ बल्लू, गुलामपीर हक़, मो. तुफैल, डॉ एके मल्लिक, शहजाद अहमद, यासिम अंसारी, समीउल हक़ खान व ख्वाजा हुसैन आदि ने आरोप लगाते हुए कहा है कि वेस्ट बोकारो घाटो जामा मस्जिद के सदर और सचिव का दबंगई इतना बढ़ गया है। प्रेस रिलीज में आशंका जताई गई है कि कभी भी कोई अप्रिय घटना ना हो जाय।
गौरतलब है कि विगत वर्ष 04 सितम्बर को ही जामा मस्जिद कमेटी भंग हो चुका है। वेस्ट बोकारो के टाटा प्रबंधक को आवाम की तरफ से लिखित रूप से सूचना दी गई है कि वेस्ट बोकारो ज़ामा मस्जिद के बरखास्त कमेटी के सदर और सचिव से मस्जिद के विषय पर कोई वार्ता ना किया जाये, जब तक कमेटी का पुनर्गठन ना हो जाए।
रविवार को पुलिस के माध्यम से इमाम को बाहर निकाले जाने व चुनाव कराने को लेकर समुदाय के लोग अपने अगुआ के नेतृत्व में सोमवार को रामगढ़ एसपी से मिल कर अपने बातें रखने की बात भी कही।
इमाम ने सुनाई पीड़ा लॉक डाउन में कहां जाऊं
वेस्ट बोकारो सेन्ट्रल साईट जामा मस्जिद के इमाम मौलाना शहादत हुसैन कादिर ने पुलिस के द्वारा मस्ज़िद से बाहर जाने को लेकर अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि सदर और सेक्रेट्री को मैंने कहा कि जब हालात ठीक हो जाएंगे तीन चार महीने बाद ही हमको तनख्वाह दीजियेगा मगर रमज़ान और लॉक डाउन में मुझे मत हटाएं। उन्होंने अनजाने में हुई किसी गलती के लिए क्षमा भी मांगी मगर वो लोग नहीं माने। पुलिस वाले आए थे कह कर गए कि अपने लोगों के साथ थाने आकर प्रभारी से बात कर लें, तो जा रहा हूं।
इस संदर्भ में वेस्ट बोकारो ओपी प्रभारी पशुपतिनाथ राय ने कहा कि इमाम को निकाले जाने व समुदाय के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए संवैधानिक रूप से ज़ामा मस्ज़िद का चुनाव कराने का प्रयास कर रहा हूं।