अधिवक्ता की कलम कॉलम में आज की जानकारी (23 ) कर्तव्य के दौरान नक्सली घटना में घायल पुलिस कर्मी / सरकारी सेवकों के लिए प्रावधान खंड – 5
नक्सली / उग्रवादी हिंसा में घायल हुए पुलिस कर्मी और सरकारी सेवकों के समुचित ईलाज के लिए भी प्रावधान है। जिला स्तर पर एक समिति है जो इस तरह की घटनाओं में जख्मी का ईलाज और देखभाल के लिए काम करती है।
कर्तव्य के दौरान नक्सली घटना में घायल पुलिस कर्मी / सरकारी सेवकों के लिए प्रावधान खंड – 5
@नज़र डेस्क – क़ानूनी सलाह – अवनीश रंजन मिश्र ,अधिवक्ता उच्य न्यायालय ,रांची ( अधिवक्ता की कलम कॉलम ) :- उग्रवादी हिंसा में मृत पुलिस कर्मी / अधिकारी / सरकारी सेवक के सम्बन्ध में उपरोक्त वर्णित प्रावधान के अलावा जख्मी कर्मियों के इलाज हेतु भी प्रत्येक जिला स्तर पर एक समिति गठन कर निर्णय लेने का प्रावधान है। इस समिति के अध्यक्ष उपायुक्त होते हैं तथा दो सदस्यों में आरक्षी अधीक्षक और असैनिक शल्य चिकित्सक होते है।
उपरोक्त समिति उग्रवादी हिंसा में जख्मी पुलिस अधिकारी/ कर्मी /सरकारी सेवकों के सन्दर्भ में निर्णय लेने हेतू स्वतंत्र होगी। मसलन सम्बंधित जख्मी व्यक्ति का इलाज कहाँ कराया जाएगा, सरकारी अस्पताल में या निजी अस्पताल में राज्य में अथवा राज्य के बाहर इत्यादि। यह समिति जख्मी कर्मी के परिवार के परिवहन, जख्मी के एक सहायक के परिवहन पर तथा आपात स्थिति में जख्मी के साथ एक चिकित्सक के परिवहन पर भी स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सकेगी।
जख्मी कर्मी के इलाज पर तात्कालिक व्यवस्था सम्बंधित जिला के जिलाधिकारी द्वारा की जायेगी और आवश्यकता पड़ने की स्थिति में जिलाधिकारी अपने कार्यालय के अन्य मदों से राशि विचलन कर उसका खर्च कर सकेंगे। बाद में उक्त राशि का दावा गृह विभाग से कर सकेंगे। जख्मी सरकारी सेवकों के सम्बन्ध में अनुग्रह अनुदान स्वीकृत करने के सम्बन्ध में अन्य प्रावधान यथावत रहेंगे।
यहाँ ये उल्लेख किया जाना आवश्यक है कि उपरोक्त 5 खंडो में वर्णित सुविधाओं का लाभ मात्र चरमपंथी उग्रवादी हिंसा , में कर्तव्य के दौरान , मारे गए अथवा घायल सरकारी सेवकों के सन्दर्भ में ही लागू होंगे अन्य किसी मामले में नहीं।
लेखक परिचय
अवनीश रंजन मिश्र ( M.Sc , L.Lb , LLM , PGDHR )
अधिवक्ता , झारखंड उच्च न्यायालय ,राँची में प्रैक्टिस करते हैं।
श्री अवनीश रंजन मिश्र सामाजिक कार्यों में भी बढ़ – चढ़कर हिस्सा लेते हैं , इसके अलावा वह विभिन्न सरकारी / अर्धसरकारी संस्थानों में भी व्याख्याता एवं सलाहकार के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं। जिसमें –
1. अतिथि व्याख्याता एवं सलाहकार झारखण्ड पुलिस अकादमी , हज़ारीबाग़।
2. सलाहकार , झारखंड सशस्त्र पुलिस 7 , हज़ारीबाग़।
3. सलाहकार , हज़ारीबाग़ जिला पुलिस , हज़ारीबाग़।
4. अतिथि व्याख्याता अनुसंधान प्रशिक्षण विद्यालय , रांची।
5. पूर्व पैनल अधिवक्ता , रांची नगर निगम , रांची।
6 पैनल अधिवक्ता , झालसा , न्याय सदन , रांची
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